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अद्वैत वेदान्त में मायवाद: The Concept of Maya in Advaita Vedanta

अद्वैत वेदान्त में मायवाद: The Concept of Maya in Advaita Vedanta

Hardcover

Regular price $39.99 USD
Regular price $55.00 USD Sale price $39.99 USD
Sale Sold out

By - Shashikant Pandey

ISBN: 8186700552
Pages: 471
Cover: Hardcover
Dimension: 23 cm X 15 cm

पुस्तक परिचय

मायावाद अद्वैत वेदान्त का कोई स्वतन्त्र सिद्धान्त नहीं है, अपितु वह अद्वैतवाद का एक अंग तत्व ही है । वस्तुत सिद्धान्त तो अद्वैतवाद है, जिसका मायावाद एक उपांग है । किन्तु वह माया कैसा तत्त्व है, इसकी स्पष्ट परिचिति अत्यन्त दुरूह है । आचार्य शङ्कर ने जिस अर्थ में माया शब्द का ग्रहण किया है, ठीक उसी अर्थ को उनके अनुयायी अदैूत वेदान्ती नहीं मानते हैं ।

मायावाद का सिद्धान्त शाङ्कर वेदान्त की आधारशिला है । अद्वैत वेदान्त के आधारभूत सिद्धान्तों के सम्यक् आकलन के निमित्त मायावाद के सिद्धान्त का विश्लेषणात्मक प्रतिपादन अनिवार्य है । मायावाद जैसे दुरूह और जटिल विषय पर लेखनी चलाना दुष्कर ही है, परन्तु फिर भी प्रस्तुत ग्रन्थ के माध्यम से इस सिद्धान्त को सुधीजनों के साथ साथ आम लोगों तक के लिए ग्राह्य बनाने का प्रयत्न किया गया है । इसमें अन्य दार्शनिक सम्प्रदायों में वर्णित मायावाद का भी तुलनात्मक परीक्षण किया गया है । माया के पर्यायभूत विविध शब्दों के साथ माया की अन्विति का परीक्षण प्रस्तुत करते हुए मायावाद के सिद्धान्त का उपस्थापन और उसके विनियोग पर विचार किया गया है । साथ ही साथ माया के मिथ्यात्व और अनिर्वचनीयत्व आदि विषयोंका सविस्तर वर्णन इस ग्रन्थ में प्राप्त होता है । निश्चित रूप से मायावाद का विवेचन अन्य अनेक ग्रन्यों में प्राप्त होता है, किन्तु समग्र रूप से एक ही स्थान पर अद्वैत वेदान्त के इस सर्वाधिक महत्वपूर्ण विषय को सुधीजनों के सम्मुख ला पाने का एक लघु प्रयास प्रस्तुत ग्रन्थ के माध्यम से किया गया है ।

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